झारखंड में विपक्षी दलों ने एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग रखी। बीजेपी को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियां चाहती है कि चुनाव एक ही चरण में हो। चुनाव आयोग (ईसी) की टीम ने गुरुवार को रांची में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की।
प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मतदान पांच चरणों में आयोजित किए जाने चाहिए और दो मतदान केंद्रों के बीच की दूरी 2 कि. मी. से अधिक नहीं होनी चाहिए। सत्तारूढ़ दल ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कड़ी निगरानी की भी मांग की। इस बीच, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और अन्य दलों ने एक चरण के विधानसभा चुनाव को अपना समर्थन दिया।झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया, “हमने मांग की है कि विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होने चाहिए, जैसे कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में हो रहे हैं।”उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग की टीम के संज्ञान में भी लाए हैं कि कुछ सरकारी अधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और उनके सोशल मीडिया पोस्ट सत्ताधारी पार्टी का पक्ष ले रहे हैं।
अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में हिस्सा ले रहे कांग्रेस नेता आलोक दुबे ने आईएएनएस को बताया, “हमने राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया और एकल चरण के चुनाव की मांग की।”इसके अलावा भाकपा ने मांग की कि मतदान बैलेट पेपर के माध्यम से आयोजित किया जाना चाहिए।चुनाव आयोग की टीम शुक्रवार को राज्य के सभी 24 जिलों के राज्य निर्वाचन अधिकारियों, डीजीपी, मुख्य सचिव, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से मिलने वाली है। चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही राज्य में चुनाव की तारीखों की घोषणा करने की संभावना है।राज्य की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी को समाप्त होगा।