शाहीन बाग: दिल्ली विधानसभा चुनाव का “टर्निंग प्वाइंट” !


उकसावे (प्रोवोकिज्म) की राजनीति। राष्ट्रवाद बनाम गैर राष्ट्रवाद के मुखौटे ने दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को विधानसभा चुनाव का टर्निंग प्वाइंट बना दिया है। भाजपा के रणीनतिकारों को भरोसा है कि पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबकुछ साफ साफ दिखाई देने लगेगा। इसीलिए दिल्ली के शाहीन बाग को लेकर बीजेपी के नेता हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा बयान पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरुन चुघ का है जिन्होंने शाहीन बाग की तुलना आईएसआईएस से कर डाली है।

ऐसे में देखा जा सकता है कि जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार में तेजी आ रही है, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के तेवर और भी तीखे होते जा रहे हैं। पार्टी के नेता एक के बाद एक दिल्ली के शाहीन बाग पर पुरजोर हमले कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे ताजा बयान पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरुन चुघ का है, जिसमें उन्होंने शाहीन बाग की तुलना आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से कर डाली है। यही नहीं, उन्होंने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर के उस बयान का भी समर्थन किया है जिसके लिए ठाकुर पर कार्रवाई का जा चुकी है।

चुघ ने ट्वीट किया है, ‘हम दिल्ली को सीरिया नहीं बनने देंगे और उन्हें आईएसआईएस के मॉड्यूल की तरह काम नहीं करने देंगे जहां महिलाओं और बच्चों को इस्तेमाल किया जाता है। वह मुख्य रास्तों को ब्लॉक करके दिल्ली के लोगों के दिमाग में डर पैदा करना चाहते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम दिल्ली को जलने नहीं देंगे।’

इसी तरह एक और ट्वीट में उन्होंने ठाकुर के बयान को हैशटैग करते हुए लिखा है- ‘देश के गद्दारों को…. गलत नहीं है। भारत की अखंडता को किसी को भी तोड़ने नहीं देंगे है। शाहीन बाग का मतलब शैतान बाग है। भारत में हाफिज सईद के विचारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ गौरतलब है कि इसी बयान के चलते अनुराग ठाकुर पर चुनाव ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा दिया गया।

भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी शाहीन बाग को निशाने पर ले रखा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नजफगढ़ की रैली में कहा, ‘आपका एक वोट पूरे देशभर में यह संदेश देनेवाला है कि नजफगढ़ शाहीन बाग वालों के साथ है या भारत माता के बेटों के साथ।’ बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर से कर दी। वर्मा ने तो यहां तक कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो एक घंटे के भीतर शाहीन बाग को खाली करा दिया जाएगा। प्रवेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के लोगों को सोच-समझकर फैसला लेना होगा। ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन-बेटियों को उठाएंगे, रेप करेंगे, उनको मारेंगे।’
इसी ‘शाहीनबाग मिशन” को जारी रखते हुए हाल ही में बीजेपी ने ‘शाहीन बाग में कौन किधर कैंपेन’ भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत बीजेपी के नेता आम आदमी पार्टी और लोगों से ये पूछेंगे कि वे शाहीन बाग के समर्थन में हैं या फिर विरोध में। साथ ही बीजेपी एक फरवरी से अपने 200 सांसदों को दिल्ली चुनाव प्रचार में लगाने जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी दिल्ली में अपना चुनावी प्रचार अभियान शाहीन बाग प्रोटेस्ट और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ने जा रही है, ना कि विकास के मुद्दे पर। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कैसे मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने कार्यकाल में पांच साल में किए गए विकास के मुद्दे को लेकर दिल्ली की जनता में विश्वास बनाए रखते हैं।

मालूम हो कि शाहीन बाग में महिलाएं 15 दिसंबर से प्रदर्शन कर रही हैं। यह प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहा है।
-डॉ. म. शाहिद सिद्दीकी

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