गढ़चिरौली- भेदभाव के चलते स्वस्थ कर्मियों को मानसिक पीडा से गुजरना पड़ रहा है।एक तरफ सरकार प्रशासन कोरोना संक्रमण से लड़ रहे इन योद्धाओं के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव ना करने के गुजारिश कर रहा है बावजूद इसके यहां उपजिला अस्पताल में काम कर रहे स्वास्थ्य तथा सफाई कर्मचारियों को भेद भाव का सामना करना पड़ रहा है।
उपजिला अस्पताल मैं काम कर रहे हैं महिला स्वास्थ्य कर्मी ने हमें बताया कि जिस दिन से कुरखेड़ा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने शुरू हुए हैं तब से उनके साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताव किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वह रास्ते से गुजरते हैं वहां के लोग इन्हें देख कर दरवाजे बंद कर लेते हैं तथा यहां नहीं आने की हिदायत देते हैं। जिस जिस जगह किराए से रहते हैं वह घर मालक भी इन्हें अस्पताल में ही रहने की हिदायत देते हैं। इनका कहना है कि वह अस्पताल से निकलने से पहले खुद को पूरी तरह सैनिटाइज करते हैं बावजूद इसके उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा।
उन्हें स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया है की इस तरह की भेदभाव से उनका मनोबल गिर रहा है। अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही इन स्वास्थ्य कर्मियों को रहने का अलग इंतजाम करने की जरूरत महसूस होने लगी है।
इस बारे में यह जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि कुरखेड़ा मुख्यालय में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए निर्माण किए गए नई इमारतों को उपयोग में लाया जा सकता है जिससे इन्हें इस तरह के भेदभाव पूर्ण रवैया से बचाया जा सके।
इसी स्वस्थ विभाग के एक सफाई कर्मी ने हमें बताया कि वह तहसील मुख्यालय से सटे एक देहात से यहां आता है जब से करुणा पॉजिटिव मरीज निकलने की खबर लोगों में पहुंची है तब से गांव के लोग इन्हें गांव में ना आने की हिदायत दे रहे हैं साथ ही इनके साथ अजीब बर्ताव भी कर रहे हैं जिससे यह लोग परेशान हैं।
कोरोना बीमारी के साथ साथ समाज की इस मानसिक बीमार लोगों के साथ लड़ने कि नई चुनौती स्वास्थ्य विभाग के सामने है।
नासिर हाशमी, गढ़चिरौली