सिंधिया खतों के जरिए कमलनाथ को बता रहे जनता की समस्याएं


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का सियासत करने का अंदाज बदल रहा है। एक तरफ वह कार्यकर्ताओं के बीच अपनी ही सरकार की खामियां स्वीकारने से नहीं हिचक रहे तो दूसरी ओर जनता की समस्याओं और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वह मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगातार खत लिख रहे हैं।

इस महीने अबतक वह चार खत मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं। सिंधिया एक सप्ताह ग्वालियर-चंबल संभाग के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद किया और परेशान व पीड़ित वर्ग से भी मुलाकात की। उन्होंने इस प्रवास के दौरान यह जाहिर कर दिया कि सरकार भले ही उनकी हो, मगर क्षेत्रीय जनता की समस्याओं के निपटारे के लिए वह किसी भी स्तर पर जाने से नहीं हिचकेंगे।
सिंधिया ने इस दौरान भिंड में बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए एक सैनिक स्कूल खुलवाने का प्रयार करने तथा एक चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाने की मांग को लेकर 12 अक्टूबर को अलग-अलग दो पत्र मुख्यमंत्री कमललाथ को लिखे थे।

सिंधिया ने इसके बाद 14 अक्टूबर को तीसरा पत्र शिवपुरी में खुले में शौच करने पर दो दलित बच्चों की डंडों से पीटकर की गई हत्या के मामले में मुख्यमंत्री को लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार निर्धन है, लिहाजा उसे 10-10 बीघा जमीन का पट्टा दिया जाए, साथ ही 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

कांग्रेस नेता सिंधिया ने मुख्यमंत्री को चौथा खत 15 अक्टूबर को लिखा, जिसमें शिवपुरी जिले के विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा बताई गई समस्याओं का जिक्र है। पत्र में उन्होंने कहा है, “जिला पंचायत की कई योजनाएं बंद होने से विकास कार्य रुके हुए हैं। करैरा के किसानों की फसलें अतिवृष्टि से बर्बाद हो गई हैं। मवेशी खेतों में घूम रहे हैं, पार्टी के वचन-पत्र में हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने का वचन दिया गया है। इसे प्राथमिकता से पूरा किया जाए।”

सिंधिया के इन पत्रों पर सरकार क्या कुछ कार्रवाई कर रही है, फिलहाल इस बारे में बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया के बयानों और पत्रों पर तंज कसा है और कहा है कि सिंधिया मुख्यमंत्री कमलनाथ पर दवाब बनाने में लगे हुए हैं।

यहीं पर सिंधिया के करीबी और मप्र चुनाव अभियान समिति के संयोजक मनीष राजपूत का कहना है, “ग्वालियर चंबल संभाग की जनता ने सिंधिया के आह्वान पर कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भारी जीत दिलाई थी, यहां 35 में से 26 सीटों पर कांग्रेस जीती। लिहाजा सिंधिया का दायित्व है कि वह यहां की जनता की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करें। इसीलिए उन्होंने जनता की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखे हैं।”

इन पत्रों के अलावा, सिंधिया बयानबाजी से भी पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने भिंड में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में किसान कर्जमाफी पर सवाल उठाए थे और कहा था “किसानों की कृषि ऋण माफी समग्रता से नहीं की गई है। केवल 50,000 रुपये तक का ऋण माफ किया गया है। जबकि हमने दो लाख रुपये तक का ऋण माफ करने के लिए कहा था।”

उन्होंने मुरैना में कार्यकर्ताओं संग बैठक में तबादलों पर भी सवाल उठाए थे।

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