सीएबी द्विराष्ट्र सिद्धांत को कानूनी रंग देता है : सिब्बल


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को नागरिकता(संशोधन) विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का विरोध करती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि यह विधेयक द्विराष्ट्र सिद्धांत को कानूनी रंग प्रदान करता है। सिब्बल ने कहा कि वह विधेयक का विरोध करते हैं, क्योंकि धर्म नागरिकता प्राप्त करने का आधार नहीं हो सकता।

सिब्बल ने कहा कि वह लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान से परेशान थे।

उन्होंने कहा, “मैं उस दिन बहुत परेशान हो गया था, जब गृहमंत्री ने दूसरे सदन में बताया कि क्यों हमें इस विधेयक की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन किया।”

सिब्बल ने कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आता कि अमित शाह ने कौन-सी इतिहास की किताब पढ़ी है। द्विराष्ट्र का सिद्धांत कांग्रेस का सिद्धांत नहीं है।

उन्होंने कहा कि द्विराष्ट्र का सिद्धांत सावरकर द्वारा दिया गया था।

इसके अलावा कांग्रेस सदस्य ने बी.आर. आंबेडकर के बयान का भी संदर्भ दिया।

सिब्बल ने उसके बाद शाह से आरोपों को वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हम, कांग्रेस में एक राष्ट्र पर विश्वास करते हैं। उन्होंने फिर शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप इसपर विश्वास नहीं करते हैं।”‘

सिब्बल ने कहा कि विधेयक ऐतिहासिक है, क्योंकि सरकार संविधान के बुनियाद को बदल रही है।

उन्होंने शाह से राजनीति से ऊपर उठने का आग्रह करते हुए कहा, “आप हमारे इतिहास को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। आप कहते हैं कि करोड़ों लोग कल सुबह उम्मीद की किरण को देखेंगे। मैं दावा करता हूं कि यह रात लाखों लोगों के लिए समाप्त नहीं होगी। यह अंधेरी रात कभी समाप्त नहीं होगी।”

उन्होंने कहा, “एक भी मुस्लिम सरकार से नहीं डरता है। आईडिया ऑफ इंडिया को समाप्त किया जा रहा है।”

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