सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए पुलिस प्रमुख व सशस्त्र बलों की होगी बैठक


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों और केंद्रीय सशस्त्र बलों की एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है।

कश्मीर घाटी में मौजूदा स्थिति के साथ-साथ अवैध अप्रवासियों की पहचान करने के लिए कई राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के संचालन की बात करने के बाद होने वाली यह बैठक काफी अहम है। इस बैठक के अधिक प्रासंगिक होने का कारण है, क्योंकि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को पुन: लागू करने पर जोर दे रही है।

यह बैठक इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा 14 व 15 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शामिल होंगे।

इस दौरान पुलिस के उच्चाधिकारी कट्टरपंथी, साइबर सुरक्षा, नक्सलवाद और अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के अलावा अपने राज्यों की कार्रवाई रिपोर्ट भी पेश करेंगे।

एक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी ने बैठक के बारे में बताते हुए कहा, “भारतीय उप-महाद्वीप में साइबर अपराध और आईएसआईएस के प्रभाव के साथ ही पुलिस मॉडरेशन और न्यायिक सुधार प्रमुख मुद्दा होगा।”

इससे पहले मोदी ने पुलिस बलों को कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने और देशभर में सभी समुदायों के बीच विश्वास बढ़ाने का सुझाव दिया था। उन्होंने अपराध से निपटने में अंतर-राज्य समन्वय के महत्व पर जोर दिया था। इसके अलावा उन्होंने साइबर सुरक्षा के विषय पर पुलिस बलों में क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया था।

उन्होंने आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए सभी राज्यों को जम्मू-कश्मीर पुलिस बल से सीखने की भी सलाह दी थी।

शाह ने इस वर्ष देशभर के सुरक्षाबलों से मोदी द्वारा सुझाए गए कार्यो का विवरण मांगा है। अब वह पुलिस के प्रत्येक निदेशक जनरलों के कार्यो की व्यक्तिगत समीक्षा भी करेंगे।

सूत्रों ने आगे कहा कि शाह का ध्यान खुफिया जानकारी जुटाने और राज्यों के साथ वास्तविक समन्वय के संबंध में हुई प्रगति पर है। राज्यों की आतंक-रोधी इकाइयां भी इस बैठक में हिस्सा लेंगी।

गुजरात के केवडिया में पिछले साल 20 से 22 दिसंबर के बीच हुए पुलिस के उच्चाधिकारियों के सम्मेलन में मोदी ने विभिन्न प्रमुख मुद्दों से संबंधित सुझाव दिए थे। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी थी।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *