नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली के कई स्कूलों में नवगठित स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने एसएमसी को स्कूलों की कैबिनेट बताते हुए खुद फैसले करने और संसाधन जुटाने की सलाह दी।
सिसोदिया ने पटपड़गंज तथा पश्चिम विनोद नगर में नवगठित एसएमसी से संवाद किया। उन्होंने कहा, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 98 फीसदी रिजल्ट आने में एसएमसी का बड़ा योगदान है।
वर्ष 2015 में जब मैं स्कूलों में जाता था, तो प्रिंसिपल बताते थे कि हर काम के लिए सरकार पर निर्भर होना पड़ता है।
किसी विषय के शिक्षक की कमी हो या स्कूल परिसर की घास कटवानी हो, हर चीज की फाइल डिप्टी डायरेक्टर के पास घूमती रहती थी। लेकिन हमने ऐसे सभी फैसलों का अधिकार प्रिंसिपल को दे दिया।
दिल्ली सरकार के मुताबिक हर स्कूल एक अलग सरकार है जिसके मुखिया प्रिंसिपल हैं और एमएमसी उनकी कैबिनेट है। आप स्वयं संसाधन जुटाएं, और स्कूल का विकास करें। सरकार से मिले संसाधन के अलावा समाज से भी योगदान लेकर स्कूल का विकास करें।
हमारी यही कोशिश है कि स्कूल का पूरा दायित्व खुद एसएमसी संभाले। राज्य सरकार की भूमिका सिर्फ भवन और संसाधन देने की हो।
कई स्कूलों में बच्चों के पेयजल के लिए एसएमसी सदस्यों ने जनसहयोग से आरओ सिस्टम लगवाए हैं। किसी स्कूल में किसी विषय के शिक्षक की कमी होने पर कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई। एक स्कूल में इकोनोमिक्स के शिक्षक नहीं थे तो एसएमसी सदस्यों एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर की कुछ दिनों क्लास लगवा दी।