नई दिल्ली, – दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत 488 निर्माण श्रमिकों को 3.18 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। इसके तहत श्रमिकों को मातृत्व लाभ के 181 क्लेम, शिक्षा लाभ के 131 क्लेम, दुघर्टना, प्राकृतिक मृत्यु के 53 क्लेम और पेंशन संबंधित 51 क्लेम के दावेदारों में सहायता राशि का वितरण किया गया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि श्रमिकों के मन में यह आत्मविश्वास होना चाहिए कि मेरी सरकार, मेरी मदद के लिए हमेशा तैयार है। जिन्हें कुदरत ने ज्यादा नहीं दिया, उनके सपने पूरे करने के लिए दिल्ली सरकार हमेशा तत्पर और तैयार है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों को अपना हक पाने के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उनके क्लेम का निपटारा अब 20 दिनों के अंदर हो जाएगा।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि, जो निर्माण श्रमिक दिल्ली में चमचमाते स्कूलों को बना रहे हैं, दिल्ली के अस्पतालों को बना रहे हैं। दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है कि उन्हें सभी सहायता दें, उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा दें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, मजदूरों को अपना पंजीकरण करवाने के लिए अब दफ्तरों के सामने लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए डोर स्टेप सर्विस के तहत 1076 पर कॉल कर अपने घर बैठे ही श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को दिल्ली सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता प्रदान करती है। जिसके तहत श्रमिकों को स्वयं और पुत्र अथवा पुत्री के विवाह के लिए 35 हजार से 51 हजार रुपए तक की सहायता राशि, अपंग होने पर 1 लाख की सहायता राशि, बच्चों की शिक्षा के लिए 500 से 10,000 रुपए प्रतिमाह, 3000 रुपए प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन, दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख की सहायता राशि, प्राकृतिक मृत्यु पर 1 लाख की सहायता राशि, प्रसूति लाभ के तहत 30 हजार रुपए की राशि दी जाती है।