व्यंगात्मक विश्लेषण- आत्मनिर्भर भारत और हमारे अच्छे दिन !

सरकार जी’ ने इतना अच्छा बंदोबस्त कर दिया कि इलाज के लिए डाक्टर ढूंढना है तो…

मोदी सरकार 2.O: तबाही और बर्बादी के पीड़ादायक दो वर्ष- सीताराम येचुरी

ये दो वर्ष वास्तव में जनता तथा हमारे संवैधानिक गणतंत्र के लिए, संत्रास के दो वर्ष…

कोरोना वैक्सीन और हर पल मौत से जंग लड़ती देश की जनता!

प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी 2021 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में कहा था- “आज भारत,…

कोरोना के हाहाकार से जनता त्रस्त, लेकिन सत्ता संग “गोदी मीडिया” मस्त!

भारतीय मीडिया देश की त्रासद हो चुकी स्थिति पर सरकार से सवाल नहीं कर रही है…

कोविड-19 का दूसरा साल, हालात जस के तस: ज़िम्मेदार कौन?

कोरोना के एक साल हो जाने के बाद देशव्यापी कठिन लॉकडाउन से हम कोरोना वैक्सीन तक…

“देश की अर्थव्यवस्था बदल सकता है किसानों का आंदोलन”

किसान आंदोलन की एकजुटता बनी रहे और इस आंदोलन से जो हलचल पैदा हुई है, वो…

किसान आंदोलन के समर्थन में आदिवासी, शुरू हुईं छत्तीसगढ़ में पंचायतें

आदिवासी किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन सहित लगभग दो…

ब्राज़ील में एक बार फिर ‘गुलाबी लहर’, सक्रिय राजनीति में लूला की वापसी का स्वागत

“ब्राजीलियन सुप्रीमकोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले ने पूर्व राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा के लिए अगले…

पर्यावरण विनाश के और क़रीब, रोज़ाना 12, 000 लोगों के भूख से मरने का अनुमान

हाल ही में जारी सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में कहा गया है…

*किसान आंदोलन पर धारणा, सस्पेंस और उम्मीद के साये में बैठा मजबूर खेतिहर*

“धारणाओं के खेल में बाजी उसके हाथ लगती है जिसके पास प्रचारतंत्र होता है। कहानी गढ़ने…