कई महीनों की प्रक्रिया और इंतजार के बाद आखिरकार असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट जारी हो ही गई. इस लिस्ट में करीब 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
असम बीजेपी ने कहा है कि उन्हें इस एनआरसी पर भरोसा नहीं है और वो केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाए.
असम बीजेपी ने साथ ही कहा है कि अगर विदेशी ट्रिब्यूनल ने किसी सही भारतीय के खिलाफ आदेश दिया तो उनकी सरकार इसके खिलाफ विधेयक लाएगी.
वहीं असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि आंकड़ों में कुछ गड़बड़ हुई है और उनके पास इसके सबूत हैं. इसके साथ ही सरमा ने सुप्रीम कोर्ट से इसके री-वेरिफिकेशन की मांग की है.
“हम सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को ले जाएंगे कि सीमावर्ती जिलों में 20 फीसदी और बाकी जिलों में 10 फीसदी री-वेरिफिकेशन होना चाहिए. इसके डेटा में जोड़-तोड़ किया गया है और हमारे पास सबूत हैं.”
कांग्रेस ने कहा- ये NRC बीजेपी की नाकामी है
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई ने कहा है कि बीजेपी सही और स्पष्ट एनआरसी लाने में नाकाम रही है.
गोगोई ने कहा कि कई भारतीयों के नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं.
“जिस तरह से ये एनआरसी जारी हुआ है इससे मैं खुश नहीं हूं क्योंकि इसमें कई भारतीयों के नाम नहीं आए हैं, जबकि कई विदेशियों के नाम शामिल कर लिए गए हैं.”