मुंबई – महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के बड़े हिस्से में बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की, जिसमें लगभग 50 लोगों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि त्यौहारी सीजन से पहले बाढ़ पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए दीवाली तक राशि का वितरण किया जाएगा।
कुल पैकेज में से 5,500 करोड़ रुपये कृषि कार्यों के लिए, 2,635 करोड़ रुपये सड़क और पुलों के पुनर्निर्माण के लिए, ग्रामीण सड़कों और पानी की आपूर्ति के लिए 1,000 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिए 300 करोड़ रुपये, बिजली उपयोगिताओं के लिए 239 करोड़ रुपये और जल संसाधनों के लिए 102 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के लंबित बकायों पर गौर करने का भी आग्रह किया है।
ठाकरे ने कहा, “केंद्र को राज्य सरकार को 38,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। अगर उन्होंने राशि को मंजूरी दे दी होती, तो हमें राहत पैकेज की घोषणा करने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता।
उन्होंने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बाढ़ पीड़ितों को राहत और पुनर्वास के लिए राजनीति नहीं करने की भी अपील की।
ठाकरे ने कहा, “मैं राजनीति पर चर्चा नहीं करना चाहता। जो भी मुझे कहना है, मैं दशहरा रैली में शिवसेना अध्यक्ष के तौर पर कहूंगा।
सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस ने राहत पैकेज का स्वागत किया है और कहा है कि इससे हाल की अभूतपूर्व भारी बारिश और कई जिलों में आई बाढ़ से परेशान किसानों और अन्य लोगों को मदद मिलेगी।
शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने पैकेज की सराहना की और कहा कि केंद्र को बाढ़ पीड़ितों के लिए तुरंत 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज जारी करना चाहिए।
राज्य के राकांपा अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने पैकेज का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रभावित लोगों को इस बड़ी त्रासदी के बाद उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करेगा।
राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जो राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं, उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार संकट के इस समय में किसानों के पीछे मजबूती से खड़ी है और सहायता पैकेज उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि योग्य और बागवानी क्षेत्रों के लिए प्रति हेक्टेयर 10 हजार (दो हेक्टेयर तक), फल व फसलों के लिए 25 हजार प्रति हेक्टेयर (दो हेक्टेयर तक) मदद करेगी। थोराट ने कहा कि इससे किसानों को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी।