वोडाफोन आइडिया के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि देश के सबसे बड़े दूरसंचार ऑपरेटर को अगर दूरसंचार विभाग को चुकाए जाने वाले 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) आधारित बकाए के संबंध में राहत नहीं मिला तो कंपनी अपना व्यापार बंद कर देगी और यह दिवालियेपन की ओर बढ़ जाएगी। यहां हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मेलन में बिड़ला ने कहा कि एजीआर के मुद्दे को तत्काल आधार पर सुलझाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “अगर हमें राहत नहीं मिली तो हम अपनी दुकान बंद कर लेंगे और यह हमारे लिए कहानी का अंत होगा। दुनिया में ऐसी कोई कंपनी नहीं है, जिसे तीन महीने में इस तरह की राशि मिल सके।”
उन्होंने आगे कहा कि आदित्य बिड़ला ग्रुप या वोडाफोन द्वारा इस वेंचर में कोई निवेश नहीं किया जाएगा। उन्होंने हालांकि कहा कि उनके दूरसंचार व्यापार को विफल नहीं कहा जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाल के फैसले में केंद्र को टेलीकॉम कंपनियों से कुल एजीआर के रूप में 92,641 करोड़ रुपये रिकवर करने की इजाजत दी थी, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर पड़ा है।
नवंबर में, दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस भेजा था और तीन माह के अंदर आत्म-मूल्यांकन के आधार पर एजीआर बकाया चुकाने का आदेश दिया था।
बिड़ला ने कहा कि सरकार को इस बात का एहसास है कि दूरसंचार एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक सेक्टर है।